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- Haryana CM Manohar Lal Khattar And Deputy CM Dushyant Chautala BJP JJP Alliance Over Adampur By election
चंडीगढ़21 मिनट पहले
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हरियाणा में BJP के खिलाफ तीखे तेवर दिखा रही जननायक जनता पार्टी (JJP) बैकफुट पर आ गई। जजपा नेता हिसार के आदमपुर उपचुनाव में पोस्टर में फोटो न लगने से नाराज था। इसको लेकर दिल्ली में 2 दिन की संसदीय बोर्ड की मीटिंग हुई। हालांकि जजपा भाजपा के खिलाफ कोई फैसला नहीं ले सकी। अब जजपा नेताओं ने पूरे विवाद पर चुप्पी साध रखी है।
वहीं CM मनोहर लाल खट्टर को भी इस पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि पोस्टर स्थानीय नेताओं ने लगाए। जब पार्टी लगाएगी तो उसमें भाजपा के साथ जजपा नेताओं की फोटो भी होगी।
जजपा के महासचिव दिग्विजय चौटाला ने फोटो न होने पर यह बयान दिया था।
जजपा बैकफुट पर क्यों, इन 4 वजहों से समझिए
1. BJP के कोटे की सीट : आदमपुर विधानसभा सीट BJP के कोटे की सीट है। JJP जानती है कि यहां पर वैसे भी उसे बहुत कुछ ज्यादा सियासी फायदा होने वाला नहीं है। इसलिए गठबंधन में अनबन होने के बाद भी JJP के नेताओं ने आदमपुर में BJP के कैंडिडेट भव्य का साथ देने का फैसला किया।
2. रूठने-मनाने का टाइम नहीं बचा : JJP नेता भी यह जानते हैं कि आदमपुर चुनाव में रूठने-मनाने का समय नहीं बचा। आदमपुर में नामांकन शुरू हो चुके हैं। ऐसे में भाजपा नेता उन्हें मनाने की जगह प्रचार पर फोकस करेंगे। ऐसे में तरजीह न मिली तो फिर किरकिरी ही होगी।
मनोहर लाल खट्टर के CM रहते भाजपा हरियाणा में 2 उपचुनाव हार चुकी है। अब भव्य बिश्नोई के आदमपुर से जीतने की उम्मीद है। यह टूटी तो फिर उसके लिए जिम्मेदार सभी कारण भाजपा की नाराजगी की वजह बनने तय हैं।
3. आदमपुर कुलदीप बिश्नोई का गढ़ : कुलदीप बिश्नोई का आदमपुर गढ़ है। यहां पर उनके पिता पूर्व CM भजन लाल के परिवार के ही सदस्य विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं। 1966 में हरियाणा अलग राज्य बनने के बाद से लगातार उन्हीं के परिवार के सदस्य विधायक रहे हैं। JJP यह जानती है कि अगर चुनाव में भाजपा जीत गई तो फिर सरकार में तकरार शुरू हो जाएगी।
4. किसानों की भाजपा से नाराजगी : केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को लेकर किसानों की भाजपा से नाराजगी बनी हुई है। इसकी वजह से भाजपा ऐलनाबाद उपचुनाव भी हार गई। ऐसे में अगर कहीं आदमपुर में भी भाजपा की सीट खतरे में पड़ी तो जजपा भी निशाने पर आ सकती है। जजपा नेता चुप रहना ही बेहतर समझ रहे हैं।
पंचायत चुनाव पर फोकस
आदमपुर चुनाव को छोड़ जजपा अब पंचायत चुनाव पर फोकस करेगी। इसके जरिए वह ग्रामीण क्षेत्रों में अपना जनाधार बढाएगी। चूंकि यह चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होंगे, इसलिए इनमें विपक्षी दलों के साथ भाजपा को भी पटखनी देने में मदद मिलेगी। जनाधार बढ़ा तो 2024 के विधानसभा चुनाव में इसका असर सीटों की हार-जीत पर आएगा।
पंचायत चुनाव के लिए हर जिले में 2 प्रभारी
जजपा पहले चरण में होने वाले 9 जिलों के पंचायत चुनाव पर फोकस कर रही है। सभी 9 जिलों में 2-2 प्रभारी बना दिए गए हैं। इनसे वहां का सर्वे कर पार्टी की स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है। उसके बाद पंचायत चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी।
CM कह चुके, भाजपा के पोस्टर पर फोटो लगेंगी
जजपा की नाराजगी का सवाल CM मनोहर लाल खट्टर तक भी पहुंचा। उन्होंने साफ किया कि जिन पोस्टरों पर एतराज हो रहा है, वह स्थानीय नेताओं ने लगाएं हैं। अभी जब पार्टी आदमपुर में प्रचार करेगी। पोस्टर लगाएगी तो उसमें गठबंधन के नेताओं की भी फोटो लगेंगी। उन्होंने भाजपा और जजपा में किसी तरह की अनबन को सिरे से खारिज कर दिया।
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